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मंगलवार, 10 मई 2022

मातृभूमि के लिए त्याग और बलिदान के प्रतिक महाराणा प्रताप की जयंती मनाइ गयी

शारदा प्रवाह - जौनपुर |  तिलकधारी महाविद्यालय में आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत राष्ट्र नायक के रूप में महाराणा प्रताप की जयंती मनाई गई। कार्यक्रम का आयोजन आजादी के अमृत महोत्सव समिति की संयोजक डॉ माया सिंह के नेतृत्व में किया गया। कार्यक्रम में प्रो शिखा श्रीवास्तव, प्रो रीता सिंह, डॉ जयप्रकाश सिंह, डॉ राजेंद्र गुप्ता, डॉ आशिया परवीन, डॉ कुसुमलता पटेल, डॉ अरविंद सिंह तथा छात्र छात्राओं ने व्याख्यान प्रस्तुत किया। कार्यक्रम की संयोजक डा माया सिंह ने महाराणा प्रताप के बारे में विस्तृत चर्चा करते हुए उनके जुझारू एवं धर्मनिरपेक्षत तथा मातृभूमि के लिए त्याग और बलिदान को महत्वपूर्ण बताया।

सैन्य विज्ञान विभाग की प्रो शिखा श्रीवास्तव ने महाराणा प्रताप के शौर्य और स्वाभिमान की चर्चा करते हुए देश का ऐसा महान योद्धा बताया जिसे अकबर 30 वर्षों के नीति-अनीति के बावजूद बंदी बनाने में असफल रहा। डॉ रीता सिंह ने महाराणा प्रताप को मातृभूमि के सच्चे सपूत और देश में छुआछूत दूर करने वाले आदर्शवादी राजा बताया। शिक्षा विभाग के ही डॉ अरविंद कुमार सिंह ने कहा कि वीर योद्धा राणा  प्रताप ने राष्ट्रीय स्वाभिमान को जागृत किया। मनोविज्ञान विभाग के सहायक प्राध्यापक राजेंद्र गुप्ता ने अपने व्याख्यान में राणा प्रताप के स्वाभिमान और कभी हार ना मानने के गुणों को आज के युवाओं को अपने व्यक्तित्व में आत्मसात करने को कहा जिससे जीवन के कठिन से कठिन परिस्थितियों में लड़ते हुए सफलता प्राप्त की जा सके।शिक्षा विभाग की डॉ कुसुम लता पटेल ने इस प्रकार के कार्यक्रम की सराहना करते हुए महाराणा प्रताप को भारत का महान विभूति बताया महाराणा प्रताप जैसा दूसरा कोई नहीं है । https://www.youtube.com/channel/UC7-PQ3T4NGCVdUKUkpmPgbA

भूगोल विभाग की सहायक  प्राध्यापक डॉ आशिया परवीन ने बताया कि महाराणा प्रताप लगभग सभी जातियों धर्मों का सम्मान करते थे तथा सबको साथ लेकर युद्ध करते थे साथ में ही वे महिलाओं का सम्मान करने वाले राजा थे जो दूसरे राजाओं पर विजय हासिल करने के बाद भी उनकी रानियों को बंदी बनाने के बजाय स सम्मान वापस भेज देते थे कार्यक्रम के समापन  में शिक्षक शिक्षा विभाग के प्राध्यापक डॉ जयप्रकाश सिंह ने सबका धन्यवाद ज्ञापन किया। 

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