गूगल मीट वीडियो कॉन्फ़्रेंस सुविधा के माध्यम से मशन शक्ति एवं आजादी का अमृत महोत्सव के संयुक्त प्रयास से आभासी मंच का आयोजन किया गया।
शारदा प्रवाह, जौनपुर | तिलकधारी स्नातकोत्तर महाविद्यालय के मिशन शक्ति एवं आजादी का अमृत महोत्सव के संयुक्त प्रयास से आभासी मंच के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय परिवार दिवस के अंतर्गत बदलते परिवेश में परिवारों की भूमिका एवं दायित्व का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो गीतांजलि मौर्य प्राचार्य कुलभास्कर महाविद्यालय प्रयागराज ने कहा कि अतीत से ही भारतीय परंपरा रही है वसुधैव कुटुंबकम की परंतु आज उपभोक्तावादी संस्कृति पारिवारिक मूल्यों पर हावी हो गई है। साझेदारी की भावना का अभाव मिलता है मिल बाँट के रहने के संस्कृति का ह्रास ऐसे कारण हैं जिसकी वजह से इन कार्यक्रमों की प्रासंगिकता आवश्यक हो गई है।
कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि डॉ अल्केश्वरी सिंह एसोसिएट प्रोफेसर बयालसी महाविद्यालय जौनपुर ने अपने उद्बोधन में कहा कि व्यक्तिगत आकांक्षा, लोभी मानसिकता के कारण आज शहर ही नहीं बल्कि गांव में भी संयुक्त परिवार बिखर रहे हैं। आज आवश्यकता है कि अपने बच्चों को संस्कारित किया जाए अच्छी परवरिश दी जाए और तनाव से लड़ना से बचाया जाए. कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि प्रो सुषमा सिंह विभागाध्यक्ष हिंदी विभाग टीडी कॉलेज में कहा कि पहले दादा दादी नाना नानी की कहानियां बच्चों के मन मस्तिष्क पर अपना अमिट प्रभाव डालते थे। उनमें अच्छे नाटक संस्कारों के नींव पढ़ती थी। परिवार का महत्व बताते हुए कहा कि तुलसीदास ने कहा है कि जहां सुमति तहां संपत्ति नाना जहां कुमति तहं बिपति निधाना। यही नहीं रामायण पूरा पारिवारिक मूल्यों पर लिखा गया ग्रंथ है।
साहित्य जगत के अनेक रचनाएं -आपका बंटी ,सूखी डाली, वटवृक्ष, लिपस्टिक के मुस्कान आदि अनेक रचनाएं हैं जो परिवार पर आधारित है और इनके माध्यम से पता चलता है कि परिवार ही सबसे बड़ी दवा होती है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही प्रो शशी सिंह विभागाध्यक्ष मध्यकालीन इतिहास टीडीकॉलेज ने कहा कि वर्तमान में मतभेद, मनमुटाव, अहम का टकराव परिवार के विघटन के मुख्य कारण है। परिवार परिवेश परवरिश तीनों ही बड़ी महत्वपूर्ण समुच्चय हैं जो बच्चों के संस्कार निर्माण में अपना योगदान देते हैं। अगर इन तीनों को व्यवस्थित कर लिया जाय तो बच्चा दूर होते हुए भी यदि संस्कारवान है तो परिवार के मूल्यों को बनाए और बचाए रखेगा।
कार्यक्रम का संचालन प्रो शिखा श्रीवास्तव कार्यक्रम अधिकारी मिशन शक्ति ने तथा डॉ माया सिंह कार्यक्रम अधिकारी आजादी का अमृत महोत्सव ने आभासी मंच के माध्यम से जुड़े लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में प्रो विनय कुमार सिंह , प्रो अजय दूबे, प्रो रीता सिंह, डॉ सुनील कुमार, डॉ आशिया परवीन एवं बड़ी संख्या में छात्र छात्राओं ने प्रतिभाग किया।
इसकी जानकरी कुँवर शेखर गुप्ता-सदस्यए मीडिया एवं प्रकाशन समिति, तिलकधारी महाविद्यालयए जौनपुर द्वारा उपलब्ध कराई गई।
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