Sharda Pravah, Jaunpur | गूगल मीट वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से तिलकधारी महाविद्यालय में आज आजादी का अमृत महोत्सव एवं मिशन शक्ति के अंतर्गत "आतंकवाद विरोध एवं राष्ट्रवाद" विषय पर संगोष्ठी का आयोजन हुआ।
शारदा प्रवाह, जौनपुर | मुख्य अतिथि के रूप में हिंदू कॉलेज, मुरादाबाद के रक्षा अध्ययन के विभागाध्यक्ष डॉ. आनंद कुमार सिंह ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि कोई भी राष्ट्र तब तक शक्तिशाली नहीं हो सकता जब तक वहां के नागरिक सजग नहीं होंगे। उन्हें राष्ट्र के लिए कार्य करने के लिए तत्पर रहना होगा। राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित करने वाले तत्वों में एक प्रमुख कारण आतंकवाद है।देखना होगा कि लोग विचारों का विरोध करते-करते राष्ट्र का विरोध न करने लगे। आजादी का अमृत महोत्सव राष्ट्रीय एकीकरण के रूप में देश को आगे बढ़ाने की प्रक्रिया का भाग है। मिशन शक्ति की कार्यक्रम अधिकारी प्रो. शिखा श्रीवास्तव ने कहा कि भारत में दिनोंदिन आतंकी घटनाओं का बढ़ना राष्ट्रीय सुरक्षा के समक्ष एक बड़ा संकट पैदा कर रहा है। भारत मुख्यतः राज्य प्रायोजित सीमा पार आतंकवाद से पीड़ित रहा है। भारत में टेरर फंडिंग ना रुकने के कारण आतंकी घटना घटित हो रही। यहां धर्म , धार्मिक विश्वासों ,धार्मिक लोगों या धार्मिक संगठनों के प्रति विवेकहीन या आसक्ति पुर्ण लगाव से आतंक की चिंता बढ़ रही है। आतंक से निपटने के लिए वैश्विक आतंकवाद रोधी परिषद बनाया गया है जिसका उद्देश्य दुनिया भर के लोगों को आतंकवाद के प्रति सुभेद्यता को कम करना, आतंकी गतिविधियों पर अंकुश लगाना, उनका मुकाबला करना, आतंकवाद में लिप्त लोगों पर वैधानिक कार्यवाही करना है।
https://www.instagram.com/shardapravah/
कार्यक्रम का संचालन शिखर कांत श्रीवास्तव ने किया। कार्यक्रम में छात्रों के बीच विजय पांडे ने अपने विचार रखा। डॉ सुनील कुमार ने आतंकवाद से निपटने के उपाय जैसे घरेलू मोर्चे पर सुरक्षा में वृद्धि, एनएसजी का आधुनिकीकरण, महानगरों की सुरक्षा, कानून को सख्त बनाना, आतंक की फंडिंग पर अंकुश लगाना, सशस्त्र बलों को मजबूत करना आदि पर जोर दिया और आभासी मंच से जुड़े अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया। इस दौरान डॉ. माया सिंह, कार्यक्रम अधिकारी आजादी का अमृत महोत्सव, डॉ कुसुम लता, डॉ आशिया परवीन, डॉ. कुँवर शेखर गुप्ता, डॉ रीता सिंह, डॉ वंदना शुक्ला सहित अनेक शिक्षक एवं छात्र-छात्रा उपस्थित रहे।
https://www.facebook.com/ShardaPravahJNP/
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें