शारदा प्रवाह, जौनपुर । आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम की श्रृंखला के अंतर्गत अंतरराष्ट्रीय योग सप्ताह में डी.ए.वी. कॉलेज लखनऊ द्वारा आयोजित वेबिनार के चतुर्थ दिवस मुख्य वक्ता टी.डी. कॉलेज जौनपुर के शिक्षक शिक्षा विभाग में प्रोफेसर अजय कुमार दुबे ने कहा कि योग मानवता के लिए आवश्यक है योग एक कला है जो हमारे शरीर, मन और आत्मा को एक साथ जोड़ता है । योग विज्ञान पर आधारित एक आध्यात्मिक विषय है जो मन एवं शरीर के बीच सामंजस्य स्थापित करने पर ध्यान देता है। योग की उत्पत्ति हजारों वर्ष पूर्व हुई है। सेंट्रल यूनिवर्सिटी हरियाणा में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ दिनेश चहल ने कहा कि योग हमें प्रतिदिन करना चाहिए । टी.डी.पी.जी. कॉलेज के पूर्व प्राचार्य प्रोफेसर समर बहादुर सिंह ने कहा कि योग व्यक्ति को शांति प्रदान करने के साथ ही साथ विश्वास, ध्यान, मन और भावनाओं को स्थिर करना चाहिए ।आत्मा का परमात्मा के साथ एकाकार हो जाना ही योग है। आज सर्वत्र आतंक, चिंता, भय, स्पर्धा और उत्तेजना का वातावरण है व्यक्ति आनंद का स्वामी होकर भी दुख और तनाव के महासागर में डूबता जा रहा है , इससे छुटकारा दिलाने में योग का महत्व काफी बढ़ गया है।
महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर सुधांशु सिन्हा ने कहा कि महर्षि पतंजलि के अनुसार चित्त वृत्तियों का निरोध ही योग है। व्यक्तिगत चेतना के साथ एकाकार हो जाना ही योग है । योग आध्यात्मिक विज्ञान पर आधारित ज्ञान है जो मन और शरीर के बीच सामंजस्य स्थापित करता है। पतंजलि अष्टांग योग सभी के लिए आवश्यक है ।
आयोजन समिति के सदस्य डॉ विनीता सिंह, डॉ राजेंद्र कुमार, डॉ आनंद सिंह , डॉ प्रीति सक्सेना ,डॉ मनोज यादव, डॉ दीपक कुमार आदि ने सक्रियता के साथ कार्य करते हुए अपने विचारों को प्रस्तुत किया। वेबिनार का संचालन डॉ प्रीती सक्सेना ने किया ।
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