आचार्य डॉ.रजनीकांत दिवेदी (श्रीमद्भागवत कथा व्यास) वास्तुशास्त्री व ज्योतिषी, जौनपुर
जौनपुर। शास्त्रीय नियम के अनुसार रक्षाबंधन 12 अगस्त को ही मनाया जाएगा। धर्म सिंधु के अनुसार अपराह्न या प्रदोष व्यापिनी श्रावण शुक्ल रक्षाबंधन बधाई जाए । ऐसा निर्देश है किंतु शास्त्रीय विधान यह हैं कि उस समय भद्रा नही होनी चाहिए। उपरोक्त विवरण के अनुसार यह योग 11 अगस्त को बनता है क्योंकि 11 अगस्त को प्रातः 09:38 से पूर्णिमा आ जाएगी। लेकिन उसी समय अर्थात प्रात: 09:38 बजे से रात्रि 8:25 बजे तक भद्रा रहेगी।
यथा- पूर्णिमायां भद्रारहितायां त्रिमुहुर्ताधिकोदय व्यापिन्यामपराह्ने प्रदोषे वा कार्यम्।
जैसा धर्मसिंधु में उल्लेख है कि भद्रायां द्वे न कर्तव्यम् श्रावणी फाल्गुनी वा। श्रावणी नृपतिं हन्ति,ग्रामों दहति फाल्गुनी।
अर्थात भद्रा काल में दो त्यौहार नहीं मनाने चाहिए ।श्रावणी अर्थात रक्षाबंधन ।फाल्गुनी अर्थात होली। भद्रा काल में रक्षाबंधन मनेगा तो हानिकारक है। (इदम् भद्रायां न कार्यम्।)
शुभ और कल्याण की इच्छा रखने वाली बहन, बेटियों माताओं को अपने भाइयों की कलाई में भद्राकाल में राखी नहीं बांधनी चाहिए। लौकिक व्यवहार में रक्षा विधान हमेशा प्रात: समय अथवा दोपहर में होता है इसीलिए इस दिन में उदया तिथि ली जाती है।
12 अगस्त को प्रातः 7:16 बजे तक पूर्णिमा है उसके पश्चात प्रतिपदा आएगी।
उस दिन सूर्य 5:30 उदय होंगे। पूर्णिमा मात्र 01 घंटा 45 मिनट रहेगी। 12 अगस्त 2022 दिन शुक्रवार में सूर्य उदय के बाद 3 घटी से भी अधिक है । संकल्पादिता तिथि धर्म कृत्योपयोगी रक्षाबंधन के लिए श्रेष्ठ मानी जाएगी।
कुछ विद्वान 11 अगस्त को रक्षाबंधन का बनाने का निर्णय कर सकते हैं जो शास्त्र के विपरीत है क्योंकि जिस समय पूर्णिमा आएगी उसी समय भद्रा आरंभ हो जाएगी और भद्रा में रक्षाबंधन करना शुभ नहीं होता है। 12 अगस्त 2022 दिन शुक्रवार को धनिष्ठा नक्षत्र रात्रि 03:45 बजे तक रहेगा । जिससे इस दिन धाता और सौभाग्य योग बन रहा है । जो बहन भाइयों के प्रेम को बढ़ाने वाला और उत्साहवर्धक होता है।
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12 अगस्त को राखी बांधने का शुभ मुहूर्त-
प्रातः काल 05:30 से 8:09 तक सिंह लग्न रहेगा जो रक्षाबंधन के लिए सर्वोत्तम समय रहेगा ।
रक्षाबंधन का मंत्र:
येन बद्धो बलि राजा दानवेंद्रो महाबल:।
तेनत्वां प्रति बध्नामि रक्षे मा चल मा चल।
उपरोक्त शुभ मुहूर्त में बहनें अपने भाइयों की कलाइयों में राखी बांधकर उनके उत्तम स्वास्थ्य, दीर्घायु और समृद्धि की कामना करें तो निश्चित ही उनको आपका आशीर्वाद प्राप्त होगा।
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