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जौनपुर। आजादी का अमृत महोत्सव एवं मिशन शक्ति के संयुक्त तत्वाधान में विश्व स्तनपान सप्ताह के प्रथम दिन तिलकधारी महाविद्यालय, जौनपुर के शिक्षक शिक्षा विभाग में संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में डॉ आशा सिंह ने जीवन प्रारंभ के 1000 दिनों की अवधि में स्तनपान के महत्व को विस्तार पूर्वक बताया। जीवन के प्रथम 1000 दिनों में गर्भावस्था से लेकर 2 वर्ष के समय को महत्वपूर्ण बताते हुए माँ एवं शिशु के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक पोषक तत्वों की आवश्यकता पर बल दिया और यह भी बताया कि 6 माह के शिशु के लिए माँ का दूध सर्वोत्तम आहार है। प्रोफ़ेसर वंदना दुबे ने मां और बच्चे के रिस्ते को प्राकृतिक और सर्वोत्तम बताया। डॉ. माया सिंह ने मां और बच्चे के बीच के संबंधों के मनोवैज्ञानिक महत्व को बताते हुए कहा कि बच्चे के व्यक्तित्व विकास पर जीवन के प्रारंभिक दिनों का गहरा प्रभाव होता है। प्रोफ़ेसर श्रद्धा सिंह बच्चों के व्यक्तित्व विकास पर दुग्ध पान के पड़ने वाले प्रभाव की विस्तार पूर्वक चर्चा की।
डॉ वंदना शुक्ला ने छात्राओं के साथ अपने अनुभव को बताते हुए स्तनपान का महत्व स्पष्ट किया। इस अवसर पर डॉ मंजू ,डॉ नीतू सिंह तथा कालेज के छात्र एवं छात्रायें उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन प्रोफेसर रीता सिंह ने किया एवं आभार ज्ञापन प्रोफ़ेसर श्रद्धा सिंह ने किया।
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