जौनपुर । भारतीय जनता पार्टी के कार्यालय पर पंडित अटल विहारी वाजपेई की पुण्यतिथि पर जिला उपाध्यक्ष सुरेन्द्र सिंघानिया के अध्यक्षता मे संगोष्ठी आयोजित की गई। मुख्य वक्ता के रूप मे पूर्व विधायक सुरेन्द्र प्रताप सिंह रहे। कार्यक्रम का संचालन जिला महामंत्री ई अमित श्रीवास्तव ने की।
मुख्य वक्ता के रूप मे बोलते हुये पूर्व विधायक सुरेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी जनसंघ के संस्थापकों में से एक थे। वह 1968 से 1973 तक जनसंघ राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे। 1952 में वो पहली बार लोकसभा चुनाव लड़े, लेकिन हार गए। इसके बाद 1957 में यूपी के बलरामपुर सीट से जनसंघ प्रत्याशी के रूप में उन्होंने विजयी हासिल की। इमरजेंसी के बाद आई मोरारजी देसाई की सरकार में 1977 से 1979 तक वे विदेश मंत्री रहे। वर्ष 1980 में जनता पार्टी से अलग होकर उन्होंने भारतीय जनता पार्टी की स्थापना में मदद की और बाद मे 6 अप्रैल 1980 को बनी भारतीय जनता पार्टी के पहले अध्यक्ष भी बने। जिसके बाद वह दो बार राज्यसभा के लिए भी चुने गए।
अटल बिहारी वाजपेयी का निधन 16 अगस्त, 2018 को हुआ था भारतीय जनता पार्टी को कामयाबी के शिखर पर ले जाने में पंडित अटल बिहारी। वाजपेयी कि महत्वपूर्ण भूमिका थी। नब्बे के दशक में वह पार्टी का मुख्य चेहरा बनकर उभरे और केंद्र में पहली बार भाजपा के नेतृत्व में सरकार बनी। प्रधानमंत्री के तौर पर वाजपेयी के कार्यकाल के दौरान देश में उदारीकरण को बढ़ावा मिला और बुनियादी ढांचे तथा विकास को गति मिली।
जिला उपाध्यक्ष सुरेन्द्र सिंघानिया ने आये हुए कार्यकर्ताओ का अभिवादन करते हुये कहा कि वर्ष 1996 में पहली बार अटल बिहारी देश के प्रधानमंत्री बने लेकिन बहुमत न होने के चलते उनकी सरकार मात्र 13 दिनों के बाद गिर गई। जिसके बाद वर्ष 1998 में वे दोबारा पीएम बने, लेकिन, 13 महीने बाद 1999 की शुरुआत में उनके नेतृत्व वाली सरकार दोबारा गिर गई। चुनाव हुए और 1999 में ही उनके नेतृत्व में 13 दलों की गठबंधन सरकार बनी, जिसने सफलतापूर्वक पांच साल का कार्यकाल पूरा किया, जो अपना कार्यकाल पूरा करने वाली पहली गैर कांग्रेसी सरकार थी।
उक्त अवसर पर जिला महामंत्री पीयूष गुप्ता, संतोष सिंह, राकेश वर्मा, ओमप्रकाश निषाद, संदीप सरोज, जिला मंत्री रविंद्र सिंह राजू दादा, विपिन द्विवेदी, ओमप्रकाश रहे।, सिद्धार्थ राय, रोहन सिंह, नरेन्द्र उपाध्याय, अनिल गुप्ता, अजय सरोज, मेराज हैदर, सुरेश धुरिया, विनीत शुक्ला, इन्द्रसेन सिंह, प्रमोद प्रजापति, हर्ष मोदनवाल, मण्ड़ल अध्यक्ष गण जितेन्द्र मिश्रा, शैलेश सिंह, अजय मिश्रा, नरेन्द्र विश्वकर्मा आदि उपस्थित रहे।
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