जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय की लापरवाही से बी.एड. प्रथम सेमेस्टर के हजारों छात्र छात्रा कड़ाके की ठंड में हलकान हो रहे हैं। विश्वविद्यालय द्वारा ऑनलाइन परीक्षा फार्म भरने की अंतिम तिथि 2 जनवरी जारी कर दी गई है परंतु अभी तक लिंक ही ओपन नहीं हो पा रहा है विश्वविद्यालय से सम्बद्ध महाविद्यालयों के हजारों छात्र छात्रा ठंडक , कोहरे में साइबर कैफे पर जाते हैं और वेबसाइट पर लिंक ना खुलने/ तकनीकी कारणों से परीक्षा फार्म नहीं भर पा रहे हैं और विश्वविद्यालय द्वारा ऐसी कोई सूचना भी छात्रों को नहीं दी जा रही है। जिससे छात्र प्रतिदिन परेशान हो रहे हैं। पी- एच.डी.शोध के इच्छुक छात्र छात्रा भी परेशान हैं क्योंकि विश्वविद्यालय द्वारा 17 जुलाई को प्रवेश परीक्षा तथा 10 अगस्त 2022 को रिजल्ट घोषित होने के पश्चात भी डी आर सी के लिए तारीख पर तारीख घोषित किया जा रहा है, कभी शोध निर्देशकों की सूची कभी नए नियम कि जिस प्राध्यापक के सेवानिवृत्त एक वर्ष में होना है वह निर्देशक नहीं बन सकते से विभिन्न विषयों के सैकड़ों छात्र पी-एच.डी. प्रवेश से वंचित हो सकते हैं। क्योंकि वह पूर्व सूचना के आधार पर महाविद्यालयों में डी आर सी हेतु अपना आवेदन जमा कर चुके हैं और सेवानिवृत्त के एक वर्ष पूर्व से ही प्राध्यापकों द्वारा शोधार्थियों के फॉर्म अग्रसारित करने पर रोक के नए नियम के कारण शोध निर्देशकों की और कमी हो जाएगी ।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पूर्व प्रान्त उपाध्यक्ष और टी.डी. कॉलेज जौनपुर के बी.एड. विभाग में प्रोफेसर अजय कुमार दुबे ने विश्वविद्यालय द्वारा अगस्त में पी- एच. डी. परिणाम घोषित होने के बावजूद डी आर सी की प्रक्रिया संपन्न न हो सकने के कारण छात्र / छात्राओं के श्रम, समय, संसाधन के नुकसान को अत्यधिक दुखद बताया है तथा अपेक्षा किया है कि विश्वविद्यालय अपने महत्वपूर्ण कार्यप्रणाली में सुधार पर ध्यान देगा जिससे विद्यार्थियों की ऊर्जा राष्ट्र के महत्वपूर्ण कार्यों में लगाई जा सके ।
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