जौनपुर। कला एवं साहित्य के लिए समर्पित अखिल भारतीय संगठन संस्कार भारती द्वाराआगामी 01 से 04 फरवरी, 2024 को श्री श्री रविशंकर आश्रम बेंगलूरू में ‘कलासाधक संगम’ आयोजित किया गया है। इस कलासाधक संगम में देश भर के विभिन्न कलाओं के दो हजार से भी अधिक प्रतिभागी व विभिन्न विधाओं के कलासाधक इकट्ठा होंगे। वस्तुतः इस प्रकार के संगम में भारतीय कला दृष्टि की साधना में लगे कलासाधकों का एक समागम है। जो प्रायः 3 वर्ष के अंतराल पर देश के अलग-अलग स्थान पर आयोजित होता है।
इस कलासाधक संगम में विभिन्न कलाविधाओं की मंचीय प्रस्तुतियां, बौद्धिक संवाद-विमर्श,कार्यकर्ताओं के निर्माण , भारतीय कला दृष्टि का बोध तथा व्यक्ति से लेकर राष्ट्र के निर्माण में साहित्य-कला-संस्कृति के भूमिका के पक्ष को प्रखर करते हुए एक कला साधक को तरासने, साधनें का सम्मिलित प्रयास किया जाता है । इस बार के कलासाधक संगम में सामाजिक समरसता विषय पर अलग-अलग सत्रों में सेमिनार, मंचीय प्रस्तुतियां व प्रदर्शनियों की प्रस्तुति की जाएगी तथा सामाजिक समरसता पर एक शोभायात्रा भी निकाली जाएगी। पेंटिंग, फोटोग्राफी, कैलीग्राफी व रंगोली की प्रदर्शनियां लगाई जाएंगी। नॉर्थ ईस्ट के कलासाधक सामूहिक नृत्य की प्रस्तुतियां देंगे। धार्मिक-सामाजिक आख्यान, नृत्य, गायन, वादन की भी राष्ट्रीय स्तर की प्रस्तुतियां होंगी।
4 दिवसीय कार्यक्रम के उद्घाटन में कलाओं के संरक्षण-संवर्धन के लिए विख्यात मैसूर राजवंश के माननीय राजा यदुवीर वाडियार जी, विजयनगर साम्राज्य के वंशज माननीय श्री कृष्णदेवराय जी उपस्थित रहेंगे।
इस अवसर पर प्रख्यात लोक कलाकार पद्मश्री मंजम्मा जोगती जी, वरिष्ठ तबला वादक रविंद्र यावगल जी व इतिहासकार डॉ. विक्रम संपत जी भी उपस्थित रहेंगे। कार्यक्रम में 2 दिन (3 व 4 फरवरी) को प.पू. सरसंघचालक माननीय मोहन जी भागवत की भी उपस्थिति रहेगी। वे भरतमुनि सम्मान समारोह में दृश्यकला व लोककला के दो ख्यातिनाम कलासाधकों को सम्मानित करेंगे।
आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर जी के आशीर्वचन व श्री मोहन जी भागवत के समापन उद्बोधन के साथ 4 दिवसीय कार्यक्रम पूर्ण होगा। उक्त जानकारी संस्कार भारती काशी प्रांत के अध्यक्ष व इस कला साधक संगम में प्रतिभाग करने वाले डॉ गणेश प्रसाद अवस्थी ने दिया। संस्कार भारती मीरजापुर के जिलाध्यक्ष कृष्ण मोहन गोस्वामी ने इस अवसर पर बताया कि 11 जनवरी 1981 को संस्कार भारती का गठन लखनऊ में किया गया था। आज पूरे देश में इसकी इकाइयां कार्यरत है । इसके संस्थापक पद्मश्री कला ऋषि योगेंद्र बाबा थे । महामंत्री शिवराम शर्मा ने कहा कि ललितकला के क्षेत्र का यह वैश्विक स्तर का जौनपुर से सुजीत कुमार, महामंत्री संस्कार भारती काशी प्रांत, श्री रवीन्द्र नाथ, संरक्षक, संस्कार भारती जौनपुर, श्री अमित गुप्त, महामंत्री संस्कार भारती जौनपुर, श्री विष्णु गौंड,सह मंत्री संस्कार भारती जौनपुर अखिल भारतीय कला साधक संगम बेंगलुरु में प्रतिभाग करेंगे।
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