‘दर नया खोला गया है काबे की दीवार में’ मिसरे पर शायरो ने पढ़े शेर
जौनपुर। मुसलमानों के ख़लीफा शियो के पहले इमाम मौलाए कायनात हजरत इमाम अली अलैहिस्सलाम के जन्मदिवस के मौक़े पर स्थान मरहूम सैय्यद अली शब्बर के निवास मोहल्ला अजमेरी मे एक महफिल सजी बज़मे मौलूदे काबाष् जिसमें शायरों ने हजरत अली की शान में अपने कलाम पेश किए। कसीदे सुनकर श्रृद्धालु मंत्रमुग्ध होते रहे और ख़ूब वाह वाही किया।
इससे पहले महफिल का आगाज धर्मगुरु मौलाना सैय्यद सफदर हुसैन ज़ैदी ने कुरआन-ए-पाक की तिलावत से किया और हजरत अली की जिंदगी पर रोशनी डालते हुए कहा कि हज़रत अली अलैहिस्सलाम की ज़िन्दगी हर इंसान के लिए आइडियल और नमूना है। उन्होंने हाकिम और वली होने के साथ उम्मत की रहबरी जब से जब तक सभाली तारीख गवाह है कि उस दौरान कोई भी भूखा नहीं रहा किसी के साथ नाइंसाफी नही हुई। जो कि आज के दुनिया में तमाम हाकिमों के लिए एक सबक़ हैं। महफिल का मिसरा दर नया खोला गया है काबे की दीवार मे रहा जिसपर शायरो ने अपने कलाम पेश किये। मौलाना सै. आबिद रज़ा रिज़वी मोहम्मदाबादी ने पढ़ा कि- एक अलीए ख़ामनाई ने पढ़ाया था जुमा, कितना दम है देख ले दुनिया मेरी दस्तार मे।
नजमी जौनपुरी ने पढ़ा- ज़िक्र से हैदर के ज़ीनत दो तुम अपनी बज़्म को, लाएगा तब्दीलियाँ ये आपके किरदार में। राहिब जौनपुरी ने पढ़ा- आमदे मालाएं गुल से है मुनव्वर दो जहाँ, नूर बरसा आसमा से गुल खिले गुलज़ार मे। रविश जौनपुरी ने पढ़ा- हम सही हो जाए गर से सब सही हो जायेगा, है कमी कितनी मेरे अन्दर मेरे किरदार मे। तनवीर जौनपुरी ने पढ़ा- तेरी सूरत आइना दारे सिफाते किबरिया, एक अलग मेराज पिनहा है तेरे दीदार मे। महफ़िल में शायरो शादाब जौनपुरी, ज़ीशान अकबरपुरी, मौलाना सै शाज़ान ज़ैदी, कैफी मोहम्मदाबादी, आमिर कजगांवी, ताबिश काज़मी, अली अब्बास, अनवर जौनपुरी, वजीह़, मेहंदी ज़ैदी, शोज़ब भादवी, एतेशाम रूधौलवी, ख़ुमैनी, अबु तालिब ज़ैदी, साहेबरज़ा, मूसा, अज़ादार, वसीम, तालिब, ज़मानत आदि शायरो ने मौला अली की शान मे कसीदे पढ़े। अन्त मे नज्र-ए-मौला अली हुई और लोगो की सलामती तरक्की की दुआ कराई गई। लोगों ने एक-दूसरे के गले लगकर मुबारकबाद पेश की और खुशियां मनाईं। संचालन सै. मोहम्मद मुस्तफा ने किया। इस अवसर पर कायम आब्दी, आरिफ हुसैनी, सै मो हसन नसीम, इसरार हुसैन एडवोकेट, मुफ्ती नजमुल हसन, दानिश काज़मी, मुफ्ती शारिब, असद, इनायत अब्बास काज़मी, अनवारूल हसन, मासूम आदि सहित काफी संख्या में लोग उपस्थित रहे।
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